Sunday, January 9, 2022

World Hindi Day 2022

World Hindi Day 10 Jan 2022

World Hindi Day 2022: युवा पीढ़ी अंग्रेजी को ज्यादा और हिंदी भाषा को कम महत्व देती है। हिंदी की अनदेखी को रोकने और विश्‍व स्‍तर पर इसके व्‍यापक प्रचार के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्‍व हिंदी दिवस (Hindi Diwas) का आयोजन किया जाता है। विश्‍व में अंग्रेजी, मंदारिन और स्‍पेनिश के बाद हिंदी सबसे ज्‍यादा बोली जाने वाली भाषा है। यह भारत के अलावा कई अन्‍य देशों में भी व्‍यापक रूप से बोली जाती है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 65 करोड़ लोग किसी न किसी माध्‍यम से अपने दैनिक जीवन में इस भाषा का उपयोग करते हैं।

जानें, विश्‍व हिंदी दिवस का इतिहास व उद्देश्‍य
विश्व हिंदी दिवस 1975 में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। 1975 से विभिन्न देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो ने विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया है। वहीं 10 जनवरी 2006 को पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था और जब से इसे वैश्विक भाषा के रूप में प्रचारित करने के लिए हर साल 10 जनवरी को विशेष दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्‍य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। इस दिन विदेशों में भारत के दूतावास विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं।

हिंदी दिवस से विश्‍व हिंदी दिवस अलग क्‍यों
हिंदी वैदिक संस्कृत के प्रारंभिक रूप की प्रत्यक्ष वंशज भी है। प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 14 सितंबर 1949 को तब हुई थी, जब भारत की संविधान सभा ने हिंदी को भारत की अधिकारिक भाषा या राज्‍य भाषा के तौर पर अपनाया था और 1953 में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इसका उद्देश्‍य हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित करता है। वहीं 10 जनवरी को मनाया जाने वाला विश्व हिंदी दिवस, हिंदी भाषा पर एक शब्द सम्मेलन है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना, हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना, हिन्दी के लिए विश्‍व में वातावरण निर्मित करना और अनुराग पैदा करना, हिन्दी की दशा के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है।

हिंदी से जुड़ी ऐतिहासिक व रोचक बातें

1. हिंदी भाषा में समय के साथ काफी बदलाव हुआ है। आज हम जो हिंदी बोलते हैं, इसकी शुरूआत 1900 ई. से मानी जाती है। यह संस्‍कृ‍त भाषा के अपभ्रंश होने पर निकली है। इतिहासकारों का मानना है कि हिंदी में पहली रचना 1000 ई. में खुमान रासो है। जिसके बाद समय के साथ बीसलदेव रासो और पृथ्‍वीराज रासो की रचना हुई।

2. हालांकि इसके बाद भी हिंदी आम जनमानस की भाषा नहीं थी। हिन्दी भाषा को असल पहचान 1450 के बाद तब मिली, जब गुरु नानक देव, रैदास, सूरदास व कबीर ने हिंदी में कविताएं लिखनी शुरू की। इस दौरान कबीर की बानी, सूरदास की सूरसागर और गोस्‍वामी तुलसीदास द्वारा 1633 ई. में रचित रामचरित मानस मशहूर हुई।

3. आज जो हिंदी हम बोलते हैं इसमें पहला गद्य भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखा गया था। इतिहासकार इन्‍हें आधुनिक हिंदी का जनक मानते हैं। उन्होंने बाल विबोधिनी पत्रिका, हरिश्चंद्र पत्रिका और कविवचन सुधा पत्रिकाओं का संपादन किया।

4. वहीं किशोरीलाल गोस्‍वामी द्वारा 1900 ईसवी में लिखी गई इंदुमती पहली ऐसी रचना थी, जो पूरी तरह हिंदी खड़ी बोली में लिखी गई। इसे आज भी स्‍कूल कॉलेजों में प्रमुख रूप से पढ़ाया जाता है।
5. आज हिंदी भाषा विश्व के 30 से अधिक देशों में पढ़ी और पढ़ाई जाती है, लगभग 100 विश्वविद्यालयों में उसके लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं।
6. दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है, जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्‍त है।

किस्तान में कुछ बदलाव के साथ ही सही लेकिन हिंदी को बोला और समझा जाता है।

8. पहली बोलती हुर्ई हिंदी फिल्म आलम आरा का प्रदर्शन 14 मार्च 1931 को हुआ। इस फिल्म के निर्देशक अर्देशिर ईरानी थे।

9. वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। हिंदी को गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था।

10. आज हिंदी का महत्‍व इतना बढ़ गया है कि संयुक्त राष्ट्र ने भी हिन्दी में वेबसाइट बनाई है और हिन्दी में रेडियो प्रसारण भी करता है। वहीं अमेरिका का विदेश विभाग हर सप्ताह समसामयिक मुद्दों पर हिन्दी में संवाद करता है।

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